
भारत में निवेशकों के लिए मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स एक प्रभावी निवेश विकल्प बनते जा रहे हैं। ये फंड्स इक्विटी, डेट, सोना, रियल एस्टेट जैसे विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करके जोखिम को संतुलित करने और स्थिर रिटर्न प्रदान करने का प्रयास करते हैं। बाजार की अस्थिरता के दौरान, इन फंड्स का विविध पोर्टफोलियो निवेशकों को एक मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है।
मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स क्या हैं?
मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो अपने निवेश को कम से कम तीन अलग-अलग परिसंपत्ति वर्गों में विभाजित करते हैं। प्रत्येक परिसंपत्ति में न्यूनतम 10% का आवंटन होता है। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को जोखिम में कमी और संतुलित रिटर्न प्रदान करना है। फंड मैनेजर बाजार की स्थिति के अनुसार निवेश पोर्टफोलियो को समायोजित करते हैं, जिससे फंड की स्थिरता बनी रहती है।
भारत में प्रमुख मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स
निम्नलिखित सूची में भारत के शीर्ष 10 मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स शामिल हैं, जो उनके एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM), 3-वर्षीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR), व्यय अनुपात और न्यूनतम SIP राशि के आधार पर प्रस्तुत किए गए हैं:
फंड का नाम | AUM (करोड़ रुपये) | 3-वर्षीय CAGR (%) | व्यय अनुपात (%) | न्यूनतम SIP (रुपये) |
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ICICI प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड | 51,027.46 | 18.97 | 0.70 | 100 |
कोटक मल्टी एसेट एलोकेशन फंड | 7,652.91 | लागू नहीं | 0.41 | 100 |
SBI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड | 6,983.14 | 15.70 | 0.53 | 500 |
UTI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड | 4,962.80 | 19.67 | 0.60 | 500 |
निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड | 4,850.17 | 17.39 | 0.30 | 100 |
HDFC मल्टी-एसेट फंड | 3,843.90 | 13.93 | 0.79 | 100 |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ मल्टी एसेट एलोकेशन फंड | 3,690.95 | लागू नहीं | 0.60 | 100 |
टाटा मल्टी एसेट अवसर फंड | 3,489.96 | 15.91 | 0.48 | 100 |
क्वांट मल्टी एसेट फंड | 3,201.26 | 22.75 | 0.61 | 1,000 |
DSP मल्टी एसेट एलोकेशन फंड | 2,444.65 | लागू नहीं | 0.34 | 100 |
नोट: “लागू नहीं” का अर्थ है कि फंड ने अभी तक 3 वर्षों की अवधि पूरी नहीं की है।
मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स के लाभ
- विविधीकरण: विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश से जोखिम कम होता है और किसी एक परिसंपत्ति के खराब प्रदर्शन से बचाव होता है।
- अनुभवी फंड मैनेजरों का प्रबंधन: बाजार की गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो को संतुलित किया जाता है।
- संतुलित रिटर्न: इक्विटी, डेट और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश के कारण स्थिर रिटर्न मिलता है।
- लचीले निवेश विकल्प: SIP या एकमुश्त (Lumpsum) निवेश की सुविधा उपलब्ध है।
निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- निवेश से पहले अपनी अवधि और लक्ष्य निर्धारित करें।
- अपनी जोखिम क्षमता का आकलन करें और उसी के अनुसार फंड चुनें।
- फंड के पूर्व प्रदर्शन, व्यय अनुपात और मैनेजर की रणनीति को समझें।
- टैक्स लाभ और शुल्क संरचना को समझना आवश्यक है।