SEBI का डंडा- सट्टा होगा ठंडा? 6 प्वाइंट में आसान भाषा में समझिए क्या हुआ और किस पर क्या होगा असर, बाजार कैसे करेगा रिएक्ट?

By themoneymantra@admin
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SEBI का डंडा- सट्टा होगा ठंडा? 6 प्वाइंट में आसान भाषा में समझिए क्या हुआ और किस पर क्या होगा असर, बाजार कैसे करेगा रिएक्ट?
SEBI का डंडा- सट्टा होगा ठंडा? 6 प्वाइंट में आसान भाषा में समझिए क्या हुआ और किस पर क्या होगा असर, बाजार कैसे करेगा रिएक्ट?

शेयर बाजार में आज गुरुवार, 3 अक्टूबर के दिन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इसकी सबसे बड़ी वजह इजराइल और ईरान के बीच हो रहे युद्ध को बताया जा रहा है। इसके साथ ही सेबी ने भी फ्यूचर्स एवं ऑप्शन (F&O) बाजार में बड़े परिवर्तन कर दिए हैं नए नियम के साथ नियमों को सख्त बन दिया गया है। खबरों के मुताबिक पता चला है की 20 नवंबर 2024 से ये सभी नए नियम लागू किए जाएंगे। सेबी के इन नियमों से क्या बदलाव होगा और यह नए नियम क्या है इसकी जानकारी जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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क्या है नए नियम?

सेबी ने नए नियमों को जारी करते हुए कहा है कि यह नियम कई चरणों में जारी होंगे। आपको बता दें अब से इन्वेस्टरों की इंट्रा डे पोजिशन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही एक फरवरी से जितने भी ऑप्शन खरीदने वाले इन्वेस्टर होते हैं वे उनको पूरी प्रीमियम राशि को अग्रिम रूप से देना है।

डेरिवेटिव्स के लिए न्यूनतम वैल्यू बढ़ने वाली है। वर्तमान में यह वैल्यू 5 लाख से लेकर 10 लाख रूपए के बीच है। लेकिन जो आगे से इंडेक्स वायदा कॉन्ट्रैक्ट की न्यूनतम वैल्यू होगी वह 15 लाख रूपए तक हो सकती है।

इन नियमों को जारी ने के पीछे सेबी की चिंता बताई जा रही है। क्योंकि छोटे निवेशकों की दिलचस्पी डेरिवेटिव मार्केट में अधिक रही है ताकि वे अधिक मुनाफा कमा सके। लेकिन इसमें जोखिम का खतरा भी उतना ही है। अगर इस मार्केट में कोई इन्वेस्टर निवेश करना चाहते हैं तो उसे इसकी पूर्ण जानकारी होनी आवश्यक है।

सेबी का बाजार पर असर

  1. मार्केट न्यूट्रल होगा जिस कारण शेयर की कीमते गिरने की संभावना कम हो जाती है।
  2. फ्यूचर्स एवं ऑप्शन की वैल्यू कम हो जाएगी।
  3. रिटेल निवेशक डेरिवेटिव मार्केट में कम इन्वेस्ट कर सकेंगे।
  4. बाजार स्थिर होने पर बड़े फंड कम कमाई ही कर सकेंगे।
  5. ब्रोकर्स के बिजनेस को घाटा हो सकता है।
  6. Algo, मशीन ट्रेड, प्रोप ट्रेड तथा Arbitragers को मुनाफा कम होगा।

आइए नीचे विस्तार से जानते हैं –

1. एक इंडेक्स की होगी विकली एक्सपायरी- यह नियम मुख्य है जो की 20 सितंबर से लागू होगा। इसमें प्रत्येक वीक में शेयर एक्सपायरी हो जाएंगे जिससे निवेशकों को जोखिम का खतरा कम रहेगा।

2. कॉन्ट्रैक्ट साइज में वृद्धि- 20 नवंबर से एक और नियम लागू हो रहा है जिसमें Contract Size 15 लाख रूपए का हो जाएगा। अगर लॉट साइज में वृद्धि होगी तो निवेशकों को अधिक मार्जिन भी देना पड़ेगा।

3. कैलेंडर स्प्रेड का लाभ समाप्त- 1 फरवरी 2025 से कैलेंडर स्प्रेड का लाभ भी खत्म होने जा रहा है।

4. ऑप्शन बाय के पैसे- इस नियम के तहत रिटेल इन्वेस्टर को अधिक पैसे देने होंगे यानी की ऑप्शन ट्रेडर को Upfront Premium देना पड़ेगा। यान नियम अगले साल 1 फरवरी से जारी होगा।

5. मार्जिन में होगी वृद्धि- जिस दिन ऑप्शन और कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी होते हैं तो निवेशकों को अधिक पैसे देंगे होंगे यानी की मार्जिन बढ़ गया है। इस प्रभाव शेयर बाजार के छोटे से लेकर बड़े इन्वेस्टर पर दिखाई देगा।

6. पोजीशन की इंट्राडे मॉनिटरिंग – इस नियम को 1 अप्रैलसे लागू किया जा रहा है जो कि एक दिन बहुत बार शेयर बेचने वाले निवेशकों पर होगा। क्लीयरिंग ऑप्शन के तहत इन इन्वेस्टरों पर ध्यान दिया जाएगा।

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