देखें भारत में टॉप 10 Multi-Asset Allocation Funds, निवेशक को कर सकते हैं मालामाल

By Apoorva Sharma
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देखें भारत में टॉप 10 Multi-Asset Allocation Funds, निवेशक को कर सकते हैं मालामाल
10 Multi-Asset Allocation Funds

भारत में निवेशकों के लिए मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स एक प्रभावी निवेश विकल्प बनते जा रहे हैं। ये फंड्स इक्विटी, डेट, सोना, रियल एस्टेट जैसे विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करके जोखिम को संतुलित करने और स्थिर रिटर्न प्रदान करने का प्रयास करते हैं। बाजार की अस्थिरता के दौरान, इन फंड्स का विविध पोर्टफोलियो निवेशकों को एक मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है।

मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स क्या हैं?

मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो अपने निवेश को कम से कम तीन अलग-अलग परिसंपत्ति वर्गों में विभाजित करते हैं। प्रत्येक परिसंपत्ति में न्यूनतम 10% का आवंटन होता है। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को जोखिम में कमी और संतुलित रिटर्न प्रदान करना है। फंड मैनेजर बाजार की स्थिति के अनुसार निवेश पोर्टफोलियो को समायोजित करते हैं, जिससे फंड की स्थिरता बनी रहती है।

भारत में प्रमुख मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स

निम्नलिखित सूची में भारत के शीर्ष 10 मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स शामिल हैं, जो उनके एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM), 3-वर्षीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR), व्यय अनुपात और न्यूनतम SIP राशि के आधार पर प्रस्तुत किए गए हैं:

फंड का नामAUM (करोड़ रुपये)3-वर्षीय CAGR (%)व्यय अनुपात (%)न्यूनतम SIP (रुपये)
ICICI प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड51,027.4618.970.70100
कोटक मल्टी एसेट एलोकेशन फंड7,652.91लागू नहीं0.41100
SBI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड6,983.1415.700.53500
UTI मल्टी एसेट एलोकेशन फंड4,962.8019.670.60500
निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड4,850.1717.390.30100
HDFC मल्टी-एसेट फंड3,843.9013.930.79100
आदित्य बिड़ला सन लाइफ मल्टी एसेट एलोकेशन फंड3,690.95लागू नहीं0.60100
टाटा मल्टी एसेट अवसर फंड3,489.9615.910.48100
क्वांट मल्टी एसेट फंड3,201.2622.750.611,000
DSP मल्टी एसेट एलोकेशन फंड2,444.65लागू नहीं0.34100

नोट: “लागू नहीं” का अर्थ है कि फंड ने अभी तक 3 वर्षों की अवधि पूरी नहीं की है।

मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स के लाभ

  1. विविधीकरण: विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश से जोखिम कम होता है और किसी एक परिसंपत्ति के खराब प्रदर्शन से बचाव होता है।
  2. अनुभवी फंड मैनेजरों का प्रबंधन: बाजार की गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो को संतुलित किया जाता है।
  3. संतुलित रिटर्न: इक्विटी, डेट और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश के कारण स्थिर रिटर्न मिलता है।
  4. लचीले निवेश विकल्प: SIP या एकमुश्त (Lumpsum) निवेश की सुविधा उपलब्ध है।

निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें

  1. निवेश से पहले अपनी अवधि और लक्ष्य निर्धारित करें।
  2. अपनी जोखिम क्षमता का आकलन करें और उसी के अनुसार फंड चुनें।
  3. फंड के पूर्व प्रदर्शन, व्यय अनुपात और मैनेजर की रणनीति को समझें।
  4. टैक्स लाभ और शुल्क संरचना को समझना आवश्यक है।

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