Afcons Infrastructure IPO: एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्स्चर लिमिटेड ने 5,430 करोड़ रूपए जुटाने के लिए 25 अक्टूबर 2024 को अपना आईपीओ जारी कर दिया है। जो कि 29 अक्टूबर तक खुला रहेगा। कंपनी आईपीओ के माध्यम से 2.7 करोड़ नए शेयर जारी कर रही है। इसके अतिरिक्त ऑफर सेल के माध्यम से 9.03 करोड़ शेयर भी जारी होंगे। कल के दिन यानी की शुक्रवार से आईपीओ में बोली लगाना आरम्भ हो गई है।
लेकिन आईपीओ में कुछ तेजी नहीं दखाई दे रही। पहले दिन इसमें जबरदस्त सब्सक्रिप्शन होना चाहिए था जो कि बिलकुल नहीं हुआ है जिससे आईपीओ सुस्त पड़ गया है। यानी की निवेशक इस आईपीओ में रूचि कम दिखा रहें हैं।
पहले दिन सुस्त पड़ा आईपीओ
कंपनी का आईपीओ 25 अक्टूबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। पहले दिन निवेशकों का रुझान इसके प्रति कम रहा है। 0.15 गुना सब्सक्राइब रिटेल निवेशकों द्वारा किया गया है। वहीं 0.11 प्रतिशत बोली क्वालीफाइड इन्वेस्टर्स और 0.12 गुना सब्सक्राइब नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स द्वारा किया गया है। यानी की पहले दिन ही आईपीओ सुस्त पड़ गया है जिस वजह से ग्रे मार्केट में लगातार गिरावट होनी शुरू हो गई है।
लॉट के हिसाब से मिलेंगे शेयर
कंपनी ने एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्टर लिमिटेड का आईपीओ में निवेश करने के लिए शेयर प्राइस बैंड निर्धारित कर दिए हैं। निवेशक प्रत्येक शेयर को 440 रूपए से 463 रूपए बाय कर सकते हैं। आईपीओ में बोली लॉट के हिसाब से लगा सकते हैं। एक लॉट में 32 शेयर मिलते हैं। इनका टोटल प्राइस 14,816 रूपए हो गया है। कंपनी के कर्मचारियों को शेयर की कीमत पर 44 रूपए का डिस्काउंट मिलता है।
ग्रे मार्केट में आई भारी गिरावट
आज शनिवार के दिन एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्स्चर आईपीओ 15 रूपए के प्रीमियम पर फोकस कर रहें हैं। जो की पहले दिन से गिरावट की वजह से काफी नीचे आ गया है। पहले दिन इसका शेयर 75 रूपए पर ट्रेंड कर रहा था। गुरुवार को यह 15 रूपए घटकर 60 रूपए पर पहुंच गया। यह लगातार नीचे गिरते जा रहा है।
यह भी पढ़ें- Stock Market Crash: मालामाल हुए निवेशक, भयंकर गिरावट के बावजूद इन शेयरों में लगा 20% तक अपर सर्किट
एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्स्चर लिमिटेड
एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय निर्माण एवं इंजीनियरिंग कंपनी है जो कि मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है। कंपनी विभिन्न प्रकार के ईपीसी सेवाएं प्रदान करती है। यह पुल, मेट्रो, फ्लाईओवर, सड़क, सुरंग, पाइपलाइन, बंदरगाह, तेल एवं गैस परियोजनाओं का ढांचा निर्माण करने का कार्य करती है।