Share Market News: इस साल निवेशकों ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करके काफी मुनाफा हासिल किया है। लेकिन वहीं गिरावट भी बहुत झेली है। कुछ दिन पहले शेयर बाजार में तूफानी तेजी से कारोबार हो रहा था लेकिन अचानक से गिरावट होना चालू हो गई उसके बाद इनसे थमने का नाम नहीं लिया और निवेशकों ने जितने रूपए कमाए थे सब पानी में डूब चुके हैं।
इस गिरावट को देखकर रिटेल इन्वेस्टर का कहना है की जितनी कमाई साल भर में प्राप्त की थी वह एक सेकंड में स्वाहा हो गई है। कोरोना महामारी के बाद यह गिरावट हुई है। बिकवाली का असर पूरे मार्केट में हो गया है। निवेशकों का यह बहुत बुरा वक्त चल रहा है जिसमें वे तगड़े नुकसान का सामना कर रहें हैं। दिवाली की रौनक से पहले ही शेयर बाजार में दुख भरा माहौल छा गया है।
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शेयर बाजार में हुई भारी गिरावट
पिछले एक महीने में शेयर बाजार में बुरी तरह से गिरावट देखी गई है इससे निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टोक्स में भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी में 8 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है। सेंसेक्स अपने हाई लेवल प्राइस से करीबन 6500 अंक टूट कर नीचे पहुंच गया है जबकि निफ्टी 2100 अंक नीचे गिर गया है। वहीं डिफेन्स स्टॉक 26 प्रतिशत, ऑटो सेक्टर 14 प्रतिशत तथा कैपिटल गुड्स सेक्टर 13.5 प्रतिशत की गिरावट करके नीचे आ गए हैं।
इस गिरावट की वजह से निवेशकों के करीबन 40 लाख करोड़ रूपए डूब गए हैं यानी उन्हें बहुत ही तगड़ा नुकसान हुआ है। बीएससी का मार्केट कैप जहां पहले 477 करोड़ रूपए था अब वह घटकर 437 लाख करोड़ रूपए हो गया है। यह गिरावट पिछले महीने 27 सितंबर 2024 से स्टार्ट हुई और आज तक चल रही है। गिरावट की वजह ये बताई जा रही है की बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है जिससे निवेशक जमकर शेयर बेच रहें हैं।
40 लाख करोड़ रूपए का नुकसान सरकार के एक वर्ष के जीएसटी संग्रह से काफी ज्यादा है। यानी की एक साल में सरकार 20 लाख से ऊपर जीएसटी प्राप्त करती है।
मुनाफावसूली बना बड़ा कारण
बाजार में निवेशकों का मुनाफावसूली गिरावट का बना कारण बन गए हैं। इससे बाजार में अधिक बिकवाली का प्रभाव हो गया है। उथल पुथल जारी है। जितने भी विदेशी निवेशक हैं वे भारतीय बाजार के स्टॉक को बेचकर चीन के बाजारों में लगा रहें हैं। आंकड़ों के अनुसार इसी अक्टूबर महीने में निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीबन 1.08 लाख करोड़ रूपए निकाल लिए हैं।
जानकारी के लिए बता दें पिछले डेढ़ साल के भीतर कई कंपनियों के स्टॉक ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसमें सरकारी कंपनी, सरकारी बैंक एवं अन्य तकनीकी कंपनियों के शेयर शामिल है। अधिकतर उछाल मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखा गया है। लेकिन अब इन शेयर में उसी तरह से गिरावट भी हो रही है। करीबन अपने हाई लेवल से 50 प्रतिशत नीचे गिर गए हैं।
इसके अतिरिक्त सभी कंपनियों के तिमाही नतीजे भी जारी हुए हैं जिसके ख़राब प्रदर्शन के कारण भी गिरावट जारी है। ऑटो और FMCG जैसी कंपनियों के निवेशक बुरी तरह टूट गए हैं।
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कब रुकेगी गिरावट?
बाजार में गिरावट बहुत बुरी तरह से हुई है जो आगे और भी अधिक हो सकती है। अभी भी बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। निफ्टी का जो पहला सपोर्ट है वह 24000 दिखाई दे रहा है। इसके बाद 23800 अंक इसका मजबूत समर्थन करता है। बाजार की चाल परिवर्तन हो सकती है।