Ethanol stocks: Ethanol stocks में निवेश करने वाले निवेशकों एवं कंपनियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। आपको बता दें हाल ही में भारत सरकार द्वारा Ethanol के निर्माण में गन्ने और चीनी पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है। इस जानकारी सरकार ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन द्वारा साझा की है। इस बड़े बदलाव से एक्सपर्ट उम्मीद जता रहें हैं की Ethanol stocks में तूफानी तेजी देखने को मिल सकती है। इससे चीनी मिलों, गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों और शेयर बाजार में शुगर स्टोक्स को फायदा हो सकता है।
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सरकार ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय
आपको बता दें २९ अगस्त २०२४ को खाद्य एवं सार्वजानिक वितरण मंत्रालय द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई। जिसमें उन्होंने बताया था कि वे गन्ने के रस बनाने वाले इथेनॉल पर लगी पाबंदी को पूरी तरह से हटा रहें हैं। जितनी भी चीनी मिलें हैं वे अब गन्ने के रस, बी हैवी गुड़ और शुगर सिरप से गन्ने का उत्पादन कर सकते हैं। अर्थात सरकार द्वारा उन्हें उत्पादन के लिए मंजूरी मिल गई है। इसके अतिरिक्त सरकार ने डिस्टिलरीज को इथेनॉल के उत्पादन के लिए एफसीआई से २.३ लाख टन तक चावल खरीदने की परमिशन दे दी है।
चीनी मिलों की रेटिंग में होगी बढ़ोतरी बढ़ोतरी
सरकार ने जिस तरह से प्रतिबंध हटाया है इसका सबसे बड़ा असर चीनी मिलों पर देखने को मिलेगा। चीनी मिलें एथेनॉल का निर्माण करेंगी जिससे वे अपनी इनकम और अधिक बढ़ा पाएंगी और अपने कारोबार में विस्तार कर सकेंगी। इससे भविष्य में चीनी मिलों की रेटिंग काफी बेहतर हो जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि डालमिया भारत शुगर, बलरामपुर चीनी मिल्स एवं कई कंपनियों को तगड़ा मुनाफा हो सकता है। इसके अतिरिक्त भी अन्य जितनी भी कंपनियां है उनकी आय में वृद्धि होगी और शेयर बाजार में उनके शेयर भी अपनी कीमत में इजाफा करेंगे। निवेशक के पास मौका है वे इन स्टोक्स में निवेश करके मालामाल बन सकते हैं।
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Ethanol उत्पादन से भविष्य पर प्रभाव
भारत में घरेलू खपत से अधिक चीनी का उत्पादन होता है और इसी अतिरिक्त चीनी का इस्तेमाल इथेनॉल उत्पादन में किया जा सकता है। अभी के समय में अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत में ८ मिलियन से ज्यादा चीनी के स्टोक्स हैं। अर्थात इतनी चीनी के इस्तेमाल से दोनों काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं।
सरकार आत्मनिर्भरता की ओर अपना कदम बढ़ा रही है। सरकार ने जो यह फैसला लिया है इससे चीनी मिलों को जिंदगी पूरी तरह से बदलने वाली है। अब चीनी मिलें अपने उत्पादन में इथेनॉल का इस्तेमाल भी करेंगी और अपने राजस्व में वृद्धि कर पाएंगी।
सरकार द्वारा लिए गए इस कदम से भविष्य में चीनी उद्योग और मजबूत हो जाएंगे। और इथेनॉल का उत्पादन बेहतर तरीके से किया जाएगा।