शेयर बाजार में IPO के माध्यम से लाभ कमाने की होड़ में एक नया नाम जुड़ गया है—रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल। महज आठ कर्मचारियों और दिल्ली में बाइक बिक्री और सर्विस के दो शोरूम्स वाली इस कंपनी ने IPO के जरिए निवेशकों के बीच गजब की दिलचस्पी जगाई है। कंपनी का IPO 418 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो कि शेयर बाजार की दुनिया में एक असाधारण उपलब्धि मानी जा रही है।
IPO में मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल ने एसएमई (स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) प्लेटफॉर्म पर 12 करोड़ रुपये जुटाने के उद्देश्य से 11.76 लाख शेयर जारी किए थे। लेकिन, तीन दिनों के भीतर ही निवेशकों ने इस कंपनी के शेयरों में जमकर निवेश किया और 40 करोड़ शेयरों की मांग कर डाली। इस प्रकार, कंपनी को कुल 4800 करोड़ रुपये का ऑफर मिला। यह केवल एक कंपनी का नहीं बल्कि छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों में निवेशकों के बढ़ते विश्वास का प्रतीक है।
निवेशकों की प्रतिक्रिया और बाजार की स्थिति
इस IPO की अत्यधिक मांग ने न केवल छोटे निवेशकों को, बल्कि बड़े संस्थागत निवेशकों को भी हैरान कर दिया। निवेशकों का इस प्रकार का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि बाजार में उच्च रिटर्न की उम्मीदें अभी भी जीवित हैं। कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज के संस्थापक और सीईओ, दीपक शेनॉय ने इस पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि यह बाजार की वर्तमान स्थिति का परिणाम है, जिसमें पिछले कुछ समय के असफल IPO ने निवेशकों को नए अवसरों के प्रति अधिक सचेत और उत्साहित कर दिया है।
फंड जुटाने का उद्देश्य
रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल की स्थापना 2018 में हुई थी और यह साहनी ऑटोमोबाइल के तहत यामाहा की मोटरसाइकिलें बेचने का काम करती है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य जुटाए गए फंड का उपयोग नए शोरूम खोलने, मौजूदा कर्ज को चुकाने, कार्यशील पूंजी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने और अन्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करना है। कंपनी के दो प्रमुख शोरूम दिल्ली के द्वारका और पालम रोड पर स्थित हैं।
सेबी की चेतावनी और निवेशकों की सतर्कता
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन, माघबी पुरी बुच ने पहले भी एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्धता और कीमतों में गड़बड़ी पर चिंता व्यक्त की थी। सेबी के सदस्य, अश्विनी भाटिया ने भी SME एक्सचेंज मंच पर सूचीबद्ध कंपनियों के ऑडिट में सतर्कता पर जोर दिया है। निवेशकों को इस तरह के IPO में निवेश करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इस तरह के असाधारण अभिदान के बावजूद, कंपनी की वास्तविक वैल्यूएशन पर ध्यान देना जरूरी है।
ग्रे मार्केट में भी बूम
रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल का शेयर 29 अगस्त को चीएसई SME प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होगा, और ग्रे मार्केट में इस कंपनी के शेयर का अनधिकृत मूल्य 90 फीसदी तक बढ़कर बोला जा रहा है। यानी, 117 रुपये के तय भाव के मुकाबले इसे 222 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बोला जा रहा है। यह संकेत देता है कि निवेशक इस कंपनी के भविष्य को लेकर बेहद आशावादी हैं।
रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल का IPO भारतीय शेयर बाजार में एक नया अध्याय जोड़ रहा है, जहां छोटी कंपनियां भी बड़े पैमाने पर निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर सकती हैं। हालांकि, इस IPO की सफलता ने कई सवाल भी उठाए हैं, जैसे कि कंपनी की वास्तविक मूल्यांकन और बाजार की मौजूदा स्थिति। लेकिन, निवेशकों की दिलचस्पी और बाजार में इस IPO के प्रति सकारात्मक संकेत कंपनी के भविष्य के लिए संभावनाएं बढ़ाते हैं।